Today I am going to tell everything about Ganesh Chaturthi which includes, 2016 Ganesh Chaturthi Date, Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat, Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi, Ganesh Chalisha, Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi of Lord Ganesha.
The mantra, chalisha, aarti is enlisted in Hindi & English both text below as most of the reader of this post is looking for the detail information in Hindi as I am going to share lots of information so without any doubt that article will be lengthy so keep reading and bookmark this page if you want to read few points later and don’t forget to share your thought, query, feedback in below comments box after reading this post.
Ganesh Chaturthi is celebrated as birth anniversary of Lord Ganesh, who is the son of Lord Shiva & Deity Parvati. It is auspicious day and celebrated to pray to god so that every new activity that is started is successfully completed without any obstacles (Vighna).
Ganesh Chaturthi Date in 2016
Ganesh Chaturthi is celebrated every year and this year in 2016 it falls on 05th of September 2016.
The meaning of Chaturthi “fourth day” Celebrations are traditionally held on the fourth day of the first fortnight (Shukla Chaturthi) in the month of Bhaadrapada in the Hindu Calendar, usually August or September in the Gregorian calendar.
Ganesh Chaturthi Date: 05th September 2016
Day: Monday
Ganesh Chaturthi Pooja (Puja) Shubh Muhurat
The Puja time for Ganesh Chaturthi is as follows:
Madhyahna Ganesha Puja Time = 11:04 to 13:34
Duration = 2 Hours 29 Mins
On 4th, Time to Avoid Moon Sighting = 18:54 to 20:30
Duration = 1 Hour 35 Mins
On 5th, Time to Avoid Moon Sighting = 09:16 to 21:05
Duration = 11 Hours 48 Mins
Chaturthi Tithi Begins = 18:54 on 4/Sep/2016
Chaturthi Tithi Ends = 21:09 on 5/Sep/2016
Now you may be worried about how to worship Lord Ganesha or what is the Pooja vidhi on Ganesh Chaturthi don’t need to worry I have shared it below in the beginning Lord Ganesha Chalisha, then Ganesha Aarti, Complete Puja vidhi for Ganesh Chaturthi.
Ganesh Chalisha in Hindi
There are 2 type of Ganesh Chalisha and here I have pasted both type of Chalisha. You can enchant any of these Chalisha I have enlisted the both Chalisha here because both are popular in different states. You can opt out the Chalisha you enchant.
Ganesh Chalisha Type 1
श्री गणेश चालीसा
॥दोहा॥ जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ |
॥चौपाई॥ जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल भरण करण शुभः काजू॥ जै गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायका बुद्धि विधाता॥ वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥ राजत मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥ पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं। मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥ सुन्दर पीताम्बर तन साजित। चरण पादुका मुनि मन राजित॥ धनि शिव सुवन षडानन भ्राता। गौरी लालन विश्व-विख्याता॥ ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे। मुषक वाहन सोहत द्वारे॥ कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी। अति शुची पावन मंगलकारी॥ एक समय गिरिराज कुमारी। पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥ भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा। तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा॥ अतिथि जानी के गौरी सुखारी। बहुविधि सेवा करी तुम्हारी॥ अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा। मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥ मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला। बिना गर्भ धारण यहि काला॥ गणनायक गुण ज्ञान निधाना। पूजित प्रथम रूप भगवाना॥ अस कही अन्तर्धान रूप हवै। पालना पर बालक स्वरूप हवै॥ बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना। लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना॥ सकल मगन, सुखमंगल गावहिं। नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं॥ शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं। सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं॥ लखि अति आनन्द मंगल साजा। देखन भी आये शनि राजा॥ निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं। बालक, देखन चाहत नाहीं॥ गिरिजा कछु मन भेद बढायो। उत्सव मोर, न शनि तुही भायो॥ कहत लगे शनि, मन सकुचाई। का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई॥ नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ। शनि सों बालक देखन कहयऊ॥ पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा। बालक सिर उड़ि गयो अकाशा॥ गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी। सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी॥ हाहाकार मच्यौ कैलाशा। शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा॥ तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो। काटी चक्र सो गज सिर लाये॥ बालक के धड़ ऊपर धारयो। प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो॥ नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे। प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे॥ बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा। पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा॥ चले षडानन, भरमि भुलाई। रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई॥ चरण मातु-पितु के धर लीन्हें। तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥ धनि गणेश कही शिव हिये हरषे। नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥ तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई। शेष सहसमुख सके न गाई॥ मैं मतिहीन मलीन दुखारी। करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी॥ भजत रामसुन्दर प्रभुदासा। जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा॥ अब प्रभु दया दीना पर कीजै। अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥ |
॥दोहा॥ श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान। नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान॥ सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश। पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ती गणेश॥ |
Ganesh Chalisa Type 2
श्री गणेश चालीसा
॥दोहा॥
मंगलमय मंगल करन, करिवर वदन विशाल। विघ्न हरण रिपु रूज दलन, सुमिरौ गिरजा लाल॥ |
॥चौपाई॥
जय गणेश बल बुद्धि उजागर। वक्रतुण्ड विद्या के सागर॥ शम्भ्पूत सब जग से वन्दित। पुलकित बदन हमेश अनन्दित॥ शान्त रूप तुम सिन्दूर बदना। कुमति निवारक संकट हरना॥ क्रीट मुकुट चन्द्रमा बिराजै। कर त्रिशूल अरु पुस्तक राजै॥ रिद्धि सिद्धि के हे प्रिय स्वामी। माता पिता वचन अनुगामी॥ भावे मूषक की असवारी। जिनको उनकी है बलिहारी॥ तुम्हरो नाम सकल नर गावै। कोटि जन्म के पाप नसावै॥ सब में पूजन प्रथम तुम्हारा। अचल अमर प्रिय नाम तुम्हारा॥ भजन दुखी नर जो हैं करते। उनके संकट पल मे हरते॥ अहो षडानन के प्रिय भाई। थकी गिरा तव महिमा गाई॥ गिरिजा ने तुमको उपजायो। वदन मैल तै अंग बनायो॥ द्वार पाल की पदवी सुन्दर। दिन्ही बैठायो ड्योडी पर॥ पिता शम्भू तब तप कर आए। तुम्हे देख कर अति सकुचाये॥ पूछैउं कौन कहाँ ते आयो। तुम्हे कौन एहि थल बैठायो॥ बोले तुम पार्वती लाल हूँ। इस ड्योडी का द्वारपाल हूँ॥ उनने कहा उमा का बालक। हुआ नही कोई कुल पालक॥ तू तेहि को फिर बालक कैसो। भ्रम मेरे मन में है ऐसो॥ सुन कर वचन पिता के बालक। बोले तुम मैं हूँ कुलपालक॥ या मैं तनिक न भ्रम ही कीजे। कान वचन पर मेरे दीजे॥ माता स्नान कर रही भीतर। द्वारपाल सुत को थापित कर॥ सो छिन में यही अवसर अइहै। प्रकट सफल सन्देह मिटाइहै॥ सुन कर शिव ऐसे तब वचना। हृदय बीच कर नई कल्पना॥ जाने के हित चरण बढाये। भीतर आगे तब तुम आये॥ बोले तात न पाँव उठाओ। बालक से जी न रार बढाओं॥ क्रोधित शिव ने शूल उठाया। गला काट कर पाँव बढाया॥ गए तुम गिरिजा के पास। बोले कहां नारी विश्वास॥ सुत कसे यह तुमने जायो। सती सत्य को नाम डुबायो॥ तब तव जन्म उमा सब भाखा। कुछ न छिपाया शम्भु सन राखा॥ सुन गिरिजा की सकल कहानी। हँसे शम्भु माया विज्ञानी॥ दूत भद्र मुख तुरन्त पठाये। हस्ती शीश काट सो लाये॥ स्थापित कर शिव सो धड़ ऊपर। किनी प्राण संचार नाम धर॥ गणपति गणपति गिरिजा सुवना। प्रथम पूज्य भव भयरूज दहना॥ साई दिवस से तुम जग वन्दित। महाकाय से तुष्ट अनन्दित॥ पृथ्वी प्रदक्षिणा दोउ दीन्ही। तहां षडानन जुगती कीन्ही॥ चढि मयूर ये आगे आगे। वक्रतुण्ड सो तुम संग भागे॥ नारद तब तोहिं दिय उपदेशा। रहनो न संका को लवलेसा॥ माता पिता की फेरी कीन्ही। भू फेरी कर महिमा लीन्ही॥ धन्य धन्य मूषक असवारी। नाथ आप पर जग बलिहारी॥ डासना पी नित कृपा तुम्हारी। रहे यही प्रभू इच्छा भारी॥ जो श्रृद्धा से पढ़े ये चालीस। उनके तुम साथी गौरीसा॥ |
॥दोहा॥ शंबू तनय संकट हरन, पावन अमल अनूप। शंकर गिरिजा सहित नित, बसहु हृदय सुख भूप॥ |
Lord Ganesha Aarti in Hindi (Bhagwaan Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi)
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥ x2
Lord Ganesha Aarti in English Lyrics / Text / Fonts
Mata Jaki Parvati, Pita Mahadeva॥ x2
Ladduan Ka Bhog Lage, Sant Karein Seva॥ x2
Mata Jaki Parvati, Pita Mahadeva॥
Ganesh Chaturthi Pooja (Puja) Vidhi with Mantra
The festival is celebrated by families at home, by people at their places of work and in public and here I am going to share the complete Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi with Mantra below. So follow these steps to make Lord Ganesha Happy.
If you have Lord Ganesha installed at your home and is worshipped daily then Avahana (आवाहन) and Pratishthapan (प्रतिष्ठापन) should be skipped as these two rituals are done for newly bought statues of Lord Ganesha either made of clay or made of metal. It should be noted that pre-installed statue of Lord Ganesha at home are not given Visarjan (विसर्जन) but given Utthapana (उत्थापन) at the end of Puja.
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Avahana (आवाहन)
Puja should begin with invocation of Lord Ganesha, one should chant following Mantra in front of the Murti.
He Heramba Tvamehyehi Hyambikatryambakatmaja।
Siddhi-Buddhi Pate Tryaksha Lakshalabha Pituh Pitah॥
Nagasyam Nagaharam Tvam Ganarajam Chaturbhujam।
Bhushitam Svayudhaudavyaih Pashankushaparashvadhaih॥
Avahayami Pujartham Rakshartham Cha Mam Kritoh।
Ihagatya Grihana Tvam Pujam Yagam Cha Raksha Me॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Avahayami-Sthapayami॥
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Pratishthapan (प्रतिष्ठापन)
After Lord Ganesha has been invoked, installing Lord Ganesha into the statue.
Asyai Pranah Pratishthantu Asyai Pranaksharantu Cha।
Asyai Devatvamarchayai Mamaheti Cha Kashchana॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Supratishtho Varado Bhava॥
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Asana Samarpan (आसन समर्पण)
offering seat to Lord Ganesha while enchanting following Mantra
Vichitraratnakhachitam Divyastaranasamyutam।
Swarna Simhasanam Charu Grihana Guhagraja॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Asanam Samarpayami॥
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Padya Samarpan (पाद्य समर्पण)
After offering Asana to Lord Ganesha, offer Him water to wash the feet.
Om Sarvatirthasamudbhutam Padyam Gandhadibhiryutam।
Gajanana Grihanedam Bhagawana Bhaktavatsalah॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Padayoh Padyam Samarpayami॥
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Arghya Samarpan (अर्घ्य समर्पण)
After offering Padya to Lord Ganesha, offer scented water to Lord Ganesha while chanting following Mantra.
Om Ganadhyaksha Namasteastu Grihana Karuna Kara।
Arghyam Cha Phala Samyuktam Gandhamalyakshatairyutam॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Hastorarghyam Samarpayami॥
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Achamana (आचमन)Vighnaraja Namastubhyam Tridashairabhivandita।
Gangodakena Devesha Kurushwachamanam Prabho॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Mukhe Achamaniyam Samarpayami॥
- Snana Mantra (स्नान मन्त्र)
(i) Snana (स्नान)
Narmada Chandrabhagadi Gangasangasajairjalaih।
Snani Tosi Maya Deva Vighnasagham Nivaraya॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Sarvanga Snanam Samarpayami॥
(ii) Panchamrita Snanam (पञ्चामृत स्नानम्)
After Snanam, now give a bath with Panchamrita (the mixture of milk, curd, honey, Ghee and sugar) to Lord Ganesha while enchanting the following Mantra
Panchamritam Mayaaanitam Payodadhi, Ghritam Madhu।
Sharkara Cha Samayuktam Snanartham Pratigrihyatam॥
(iii) Payah/Dugdha Snanam (पयः/दूध स्नानम्)
Kamadhenusamudbhutam Sarvesham Jivanam Param।
Tejah Pushtikaram Divyam Snanartham Pratigrihyatam॥
(iv) Dadhi Snanam (दधि स्नानम्)
Payasastu Samudbhutam Madhuramlam Shashiprabham।
Dadhyanitam Mayadeva Snanartham Pratigrihyatam॥
(v) Ghrita Snanam (घृत स्नानम्)
Navanita Samutpannam Sarvasantoshakarakam।
Ghritam Tubhyam Pradasyami Snanartham Pratigrihyatam॥
(vi) Madhu Snanam (मधु स्नानम्)
Pushparenusamudbhutam Suswadu Madhuram Madhu।
Tejah Pushtikaramdivyam Snanartham Pratigrihyatam॥
(vii) Sharkara Snanam (शर्करा स्नानम्)
Ikshusarasamudbhutam Sharkara Pushti Da Shubha।
Malapaharika Divya Snanartham Pratigrihyatam॥
(viii) Suvasita Snanam (सुवासित स्नानम्)
Champakashekabakula Malati Mogaradibhih।
Vasitam Snigdhatahetu Tailam Charu Pratigrihyatam॥
(ix) Shuddhodaka Snanam (शुद्धोदक स्नानम्)
Ganga Cha Yamuna Chaiva Godavari Saraswati।
Narmada Sindhuh Kaveri Snanartham Pratigrihyatam॥
- Vastra Samarpan and Uttariya Samarpan (वस्त्र समर्पण वं उत्तरीय समर्पण)
(i) Vastra Samarpan (वस्त्र समर्पण)
Shitavatoshna Santranam Lajjaya Rakshanam Parama।
Dehalankaranam Vastramatah Shanti Prayachchha Me॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Vastram Samarpayami॥
(ii) Uttariya Samarpan (उत्तरीय समर्पण)
Uttariyam Tatha Deva Nana Chitritamuttamam।
Grihanendram Maya Bhaktaya Dattam Tat Saphali Kuru॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Uttariya Samarpayami॥
- Yajnopavita Samarpan (यज्ञोपवीत समर्पण)
Navabhistantubhiryuktam Trigunam Devatamayam।
Upavitam Mayadattam Grihana Parameshwara॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Yajnopavitam Samarpayami॥
- Gandha (गन्ध)
Shri Khanda Chandana Divyam Gandhadhyam Sumanoharam।
Vilepanam Surashreshtha Chandanam Pratigrihyatam॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Gandham Samarpayami॥
- Akshata (अक्षत)
Akshatashcha Sura Shreshtha Kumkumalah Sushobhitah।
Maya Nivedita Bhaktaya Grihana Parameshwara॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Akshatan Samarpayami॥
12. Pushpa Mala (पुष्प माला)
Malyadini Sugandhini Malyadinivai Prabhuh।
Maya Hritani Pushpani Grihyantam Pujanaya Bhoh॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Pushpamalam Samarpayami॥
13. Shami Patra (शमी पत्र)
Tvatpriyani Supushpani Komalani Shubhani Vai।
Shamidalani Heramba Grihana Gananayaka॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Shami Patrani Samarpayami॥
14. Durvankur (दुर्वाङ्कुर)
Durvankuran Suharitanamritan Mangala Pradan।
Anitanstava Pujartha Grihana Gananayaka॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Durvankuran Samarpayami॥
15. Sindoor (सिन्दूर)
Sindoor Shobhanam Raktam Saubhagyam Sukhavardhanam।
Shubhadam Kamadam Chaiva Sindooram Pratigrihyatam॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Sindoor Samarpayami॥
16. Dhoop (धूप)
Vanaspatirasodbhuto Gandhadhyo Gandhah Uttamah।
Aghreya Sarva Devanam Dhupoayam Pratigrihyatam॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Dhupamaghrapayami॥
17. Deep Samarpan (दीप समर्पण)
Sajyam Chavartisamyuktam Vahnina Yojitam Maya।
Deepam Grihana Devesha Trailokyatimira Paham॥
Bhaktya Deepam Prayachchhami Devaya Paramatmane।
Trahimam Nirayad Ghoraddipajyotirnamoastute॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Deepam Darshayami॥
18. Naivedya Nivedan (नैवेद्य निवेदन)
Naivedyam Grihyatam Deva Bhakti Me Hyachalam Kuru।
Ipsitam Me Varam Dehi Paratra Cha Param Gatim॥
Sharkara Khanda Khadyani Dadhi Kshira Ghritani Cha।
Aharam Bhakshya Bhojyam Cha Naivedyam Pratigrihyatam॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Naivedyam Modakamayarituphalani Cha Samarpayami॥
19. Chandan Karodvartan (चन्दन करोद्वर्तन)
Chandanam Malayodbhutam Kasturyadi Samanvitam।
Karodvartanakam Deva Grihana Parameshwara॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Chandanena Karodvartanam Samarpayami॥
20. Tambula Samarpan (ताम्बूल समर्पण)
Om Pugiphalam Mahadivyam Nagavallidalairyutam।
Ela Churnadisamyuktam Tambulam Pratigrihyatam॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Mukha Vasarthamela Pugi Phaladi Sahitam Tambula Samarpayami॥
21. Narikela Samarpan (नारिकेल समर्पण)
Idam Phalam Mayadeva Sthapitam Puratastava।
Tena Me Saphalavaptirbhavejjanmani Janmani॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Narikela Phalam Samarpayami॥
22. Dakshina Samarpan (दक्षिणा समर्पण)
Hiranyagarbhagarbhastham Hema Bijam Vibhavasoh।
Ananta Punya Phaladamatah Shantim Prayachchha Me॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Dravyam Dakshinam Samarpayami॥
23. Neerajan/Aarti (नीराजन/आरती)
Kadali Garbha Sambhutam Karpuram Tu Pradipitam।
Arartikamaham Kurve Pashya Me Varado Bhava॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Karpura Neerajanam Samarpayami॥
24. Pushpanjali Arpan (पुष्पाञ्जलि अर्पण)
Nanasugandhi Pushpani Yatha Kalodbhavani Cha।
Pushpanjalirmaya Datto Grihana Parameshwara॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Mantra Pushpanjali Samarpayami॥
25. Pradakshina (प्रदक्षिणा)
Yani Kani Cha Papani Jnatajnata Kritani Cha।
Tani Sarvani Nashyanti Pradakshina Pade Pade॥
Om Siddhi-Buddhi Sahitaya Shri Mahaganadhipataye Namah।
Pradakshinam Samarpayami॥
26. Visarjan (विसर्जन)
Avahanam Na Janami Na Janami Tavarchanam।
Pujam Chaiva Na Janami Kshamasva Ganeshwara॥
Anyatha Sharanam Nasti Tvameva Sharanam Mam।
Tasmatkarunya Bhavena Rakshasva Vighneshwara॥
Gatam Papam Gatam Dukham Gatam Daridraya Meva Cha।
Agata Sukha Sampattih Punyachcha Tava Darshanat॥
Mantrahinam Kriyahinam Bhaktihinam Sureshwara।
Yatpujitam Maya Deva Paripurnam Tadastu Me॥
Yadaksharapada Bhrashtam Matrahinam Cha Yadbhavet।
Tatsarva Kshamyatam Deva Prasida Parameshwara॥
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