करवा चौथ प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की कृष्णा पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, इस दिन सभी विवाहित (हिंदू) महिलाए अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती है | इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है की इस व्रत की पूजा विधि भली प्रकार की जाए आप यह विधि अपनी माँ, सांसु माँ से भी सिख सकती है और चाहे तो इसकी जानकारी यहाँ से भी ले सकती हैं आज हम आपको करवा चौथ पूजा के लिए क्या क्या सामग्री (Karva Chauth Samagri) चाहिए होती है और करवा चौथ की सही पूजा विधि मंत्रो (Karva Chauth Puja Ki Sahi Vidhi) के साथ बताने जा रहे हैं साथ ही साथ करवा चौथ का व्रत कैसे खोले इसकी भी जानकारी नीचे दी गयी है|
करवा चौथ के लिए पूजा सामग्री (Karva Chauth Ke Liye Puja Samagri )
करवा चौथ की पूजा कैसे की जाए उससे पूर्व हम जानने ले की हमे करवा चौथ पूजा के लिए किन किन सामग्रियो को आवश्यकता होगी जिसकी पूरी सूची इस प्रकार है |
- करवा चौथ पुस्तिका: करवा चौथ के दिन करवा चौथ व्रत कथा सुननी अथवा पढ़नी चाहिए | यह कथा कोई भी सुहागिन इस्त्री पढ़ सकती हैं आप चाहे तो इस पुस्तक की कहानिया घर की किसी व्रध महिला या पंडित जी से भी सुन सकते हैं |
- पूजा थाली: पूजा की थाली में रोली, चावल, पानी से भरा करवा लोटा, मिठाई, दिया और सिंदूर रखें। पंजाब में व्रत रखने वाली महिलाएं थाली में स्टील की छननी, पानी भरा गिलास और लाल धागा रखती हैं तो वहीं पर राजस्थान में महिलाएं गेहूं, मिट्टी आदि रखती हैं। अत: आप अपने क्षेत्र के अनुसार भी इसमे सामग्री रख सकते हैं| क्यूंकी करवा चौथ भारत के विभिन्न शहरो मे विभिन्न तरीक़ो से मनाया जाता है यहाँ पर हम आपको सबसे सरल एवं फलदाई उपाए बताने जा रहे हैं
- करवा : काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से तैयार किए गए मिट्टी के करवे अथवा तांबे के बने हुए करवे, मिट्टी से बना करवा ।
- श्रृंगार वस्तुएं: अपने पति को लुभाने के लिये महिलाएं उस दिन दुल्हन की तरह श्रृंगार करती हैं। हाथों में महंदी और चूडियां पहनती हैं। यदि आप यह व्रत पहली बार रख रही है तो आप अपनी शादी वाली लाल साड़ी पहने |
- खाने की वस्तुएं: हर घर में अलग-अलग प्रकार की पकवान बनाए जाते हैं। कई लोग कचौड़ी, सब्जी और अन्य व्यंजन बनाते हैं तो यह आप अपनी इच्छा अनुसार बना सकते हैं जहाँ तक संभव हो लहसुन और प्याज का प्रयोग अपने व्यंजन मे ना करे|
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करवा चौथ व्रत पूजा विधि (Karva Chauth Vrat Puja Vidhi)
- इस दिन सुबह जल्दी स्नानादि करने के बाद यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें-
‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये.’
कुछ क्षेत्रो मे सरगी की विधि जो हर साँस अपनी बहू को प्रदान करती है और सुहागिन औरते इसे खाने के पश्चात व्रत रखती हैं |
- पूरे दिन निर्जल रहते हुए व्रत को संपूर्ण करें और दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें. चाहे तो आप पूजा के स्थान को स्वच्छ कर वहां करवा चौथ का एक चित्र लगा सकती हैं जो आजकल बाजार से आसानी से कैलेंडर के रूप में मिल जाते हैं. हालाकि अभी भी कुछ घरों में चावल को पीसकर या गेहूं से चौथ माता की आकृति दीवार पर बनाई जाती है. इसमें सुहाग की सभी वस्तुएं जैसे सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, कंघा, शीशा, चूड़ी, महावर आदि देवी-देवताओं को चित्रित करने के साथ पीली मिट्टी की गौरा बनाकर उन्हें एक ओढ़नी उठाकर पट्टे पर गेहूं या चावल बिछाकर बिठा देते हैं. इनकी पूजा होती है. ये पार्वती देवी का प्रतीक है, जो अखंड सुहागन हैं. उनके पास ही एक मिट्टी के करूए(छोटे घड़े जैसा) में जल भरकर कलावा बांधकर और ऊपर ढकने पर चीनी और रूपए रखते हैं. यही जल चंद्रमा के निकलने पर चढ़ाया जाता है.
- आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं।
- गौरी गणेश के स्वरूपों की पूजा करें। इस मंत्र का जाप करें – ऊॅं नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥
(अधिकतर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही पूजा करती हैं।)
- करवा चौथ की कथा सुने या सुनाए परंतु कथा सुनते समय महिलाएं अपने-अपने करूवे लेकर और हाथ में चावल के दाने लेकर बैठे| कथा सुनने के बाद इन चावलों को अपने पल्ले में बांध ले और चंद्रमा को जल चढ़ाने से पहले उन्हें रोली और चावल के छींटे से पूजे और पति की दीर्घायु की कामना करे|
- कथा के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासूजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें, और घर के अन्य बड़ी औरतो के भी पेर छू कर आश्रीवाद लें |
- रात्रि के समय जब चाँद (चंद्रमा) निकल आए तो इसे छलनी की ओट से उसे देखें और चंद्रमा को जल चढ़ाने से पहले उन्हें रोली और चावल के छींटे से पूजे और पति की दीर्घायु की कामना करे|
- जल देने के बाद अपने पति के पैर छूकर आशीर्वाद ले और उन्हे भोजन कराए और स्वयं भी भोजन करे और हाँ घर मे सभी बडो का आशीर्वाद ज़रूर लें इस तरह आप करवा चौथ की पूजा पूर्ण करे|
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