Ye Sher Samajh Nahi Aayega

जहान की खिलावट में जुलूल नहीं आएगा; गम-ए-तोहीन से कुबूल नहीं आएगा; मक्लूल की इबरात है, यह कुर्फा ग़ालिब; तुम्हारी फट जाएगी पर यह शेर समझ नहीं आएगा!